सावन
सावन लगे मन भावन,
गीत मधुर चलो गायें,
रिमझिम-रिमझिम बूँदें से,
तन – मन चलो भिगायें|
रातें कितनी हैं छोटी,
बातों की सौगात बनायें,
सावन में दिल भी झूमे,
फिर-फिर बरसात आये|
चलो आज मौसम की यादें,
पूरी दुनिया को सुनाये,
ऐसे ही खुशियों की हलचल,
हरदम -हरपल झिलमिलाये|
लहकते बहकते मन में,
प्रेम के सुमन खिलायें,
मीत के संग- संग झूमें,
सावन में सरगम बजायें|
©️ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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