सजल
{मधुर गीत मिल गाना है}
समांत ~ आना है
मात्रा भार~ 14
इक दिन सबको जाना है,
जीवन एक बहाना है|
जीने का कुछ मकसद हो,
मर्म यही पहचाना है|
कर्म - धर्म शुभ गंध सदा,
सेवा से महकाना है|
मन में सुन्दर दीपक सी,
ज्योति सदा फैलाना है|
प्रेम भाव सहकार बने,
मधुर गीत मिल गाना है|
©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल
Comments
Post a Comment