🌺 इन्दिरा छन्द 🌺
विधान- नगण रगण रगण लघु गुरु = 11 वर्ण
चार चरण दो- दो चरण समतुकान्त
जगत रीत का भाव हो सदा|
हृदय प्रीत का चाव हो सदा||
मधुर गान से जीत लीजिए|
सकल धर्म का काम कीजिए||
सरल सोम जी गान गाइए|
सरस ओम का तान लाइए||
भगत दिव्य है तेज साधना|
मधुर राम की दर्श कामना||
सृजन छंद का नित्य कीजिए|
तमस काम को त्याग दीजिए||
परम तत्व है ईश जानिए|
सकल सत्य है देव मानिए||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
🌺इन्दिरा छंद🌺
विधान - [नगण रगण रगण + लघु गुरु]
111 212 212 12,
चार चरण, दो-दो चरण समतुकांत
सकल राम का नाम जापिए|
सुगढ़ धर्म से काम नापिए||
मन विचार से शुद्ध रूप हो|
तन बुहार लो धाम भूप हो||
परम सत्य को मान लें जरा|
सकल भूमि पे जन्म लें मरा||
करम धर्म को मान लीजिए|
जगत ईश का गान कीजिए||
©डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
धन्यवाद!
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