सागर (साहिल)

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            सागर

सागर की लहरें सनम को बुलाएँ,
वो  जब न आए  तो कैसे  बिताएँ,
समय कट रहा है मुश्किल से साथी,
साहिल पे जाकर मिलन गीत गाएँ|
       © साहिल

          🌺  सागर 🌺

रूठ जाती है दुनिया हमसे कभी,
नैन मिलते नही बढ़ती मदहोशियाँ
बेरुखी उनकी जैसे हो सागर कोई,
जा के साहिल पे मिटती है बेचैनियाँ।

उनकी यादें मिटाने लहर पे  गया, 
खो गया जाके भँवरों में, मैं फँस गया,
आँख खोली तो देखा मैं सफ़रगार था,
मेरी यादों में अब साहिल बस गया।

मैं भी हैरान हूँ देख जुल़्मोंसितम,
कैसे इंसा ही इंसा पे करें है सितम,
गम़ के सागर का सफ़र है जिन्द़गी,
पी  गया  सारे  साहिल कैसे सितम।

    🚣 © साहिल 

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