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मोदी जी पर अभिव्यक्ति (साहिल)

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लोगों ने मजबूर कर दिया लिखने पर, बहुत ही साधारण व्यक्ति हूँ, कभी कभी मन की अभिव्यक्ति को शब्दों का रूप दे देता हूँ|

भावनाएँ कुछ लोगों के दिल को छू जाती हैं और कुछ लोगों को पढ़कर नींद नहीं आती है|

एक सच्चा देशभक्त, जो दिलो जान से, आत्मा से लगा हुआ है राष्ट्र की प्रगति के लिए काम करने में अपने दिन रात एक कर रहा है, देश के उत्थान के लिए, उस देश भक्त की बुराई आखिरकार अदना सा सामान्य राष्ट्र में रहने वाला कोई भी इंसान जिसके दिल में भावना है जिसके शरीर में आत्मा है, वह कैसे कर सकता है| कोई भी इंसान जो अपने परिवार के दायित्व को भी नही उठा सकता, उसे हक नहीं है राष्ट्र के किसी भी व्यक्ति के बारे में बोलने का|

जी हांँ!  आप लोगों ने सही समझा मैं सोशल मीडिया एवं व्यक्तिगत और सामूहिक समूह में कई दिनों से देख रहा हूं कि लोग मोदी जी की बुराई कर रहे हैं हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी की हर गतिविधि पर बुराई और निंदा में लगे हुए हैं अपने व्यक्तिगत एवं सामाजिक दायित्वों को भूलकर सिर्फ और सिर्फ निंदा और बुराई में लगे हुए हैं| अनर्गल बातों एवं फालतू के सन्देशों के लिए समय कहाँ से ला रहें हैं, हो सकता है उनका पेट ज्यादा भरा हो, निन्दारत हैं रात दिवस, इसलिए नही की वो बहुत बड़े देशभक्त  या राजनीतिक हैं, 
सिर्फ इसलिए क्योंकि वह अपनी व्यक्तिगत एवं पारिवारिक अपेक्षाओं को जो कि आवश्यकता से कुछ ऊपर ही हैं उनको पूरा नहीं कर पा रहे हैं,  घूँस देकर नौकरी पाना असंभव सा हो गया है,
पैसा देकर कोई काम बनाना असंभव सा हो गया,
नकली काला धन छुपाना असंभव सा हो गया,
कोई भी गलत काम भ्रष्टाचार सब धीरे धीरे बंद सा हो रहा है|

मनुष्य को सामान्य जीवन जीने के लिए जितनी राशि या जितना पैसा चाहिए उसको अपनी मेहनत और पुरुषार्थ के अनुसार मिल ही जाता है यदि बहुत ज्यादा अपेक्षाएं और महत्वाकांक्षाएं बढ़ाएगा तो उसके साथ - साथ देश का भी अहित है कई वर्षों की आदत है जो इतनी जल्दी जाने वाली नहीं|
मक्कारी, चोरी, घूँसखोरी, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना  और नकारापन, आलस्य, अकर्मण्यता, अशिक्षा, अज्ञान आदि गुणों से सम्पन्न भारतीय व्यक्ति आज नरेन्द्र मोदी जी को क्यों कोस रहा है ???????

इसकी गहराई में जाने पर पता चला कि सब अपना ही स्वार्थ सोच रहे हैं|  कहीं न कहीं उनकी उम्मीदें और अपेक्षाएँ टूटी हैं, इसीलिए वो व्यक्तिगत तौर पर एक व्यक्ति के पीछे पड़ रहें हैं, उन सारे लोगों को देश के उत्थान और विकास से कोई मतलब होता तो वे गतिविधियों का गहराई से अवलोकन कर समझने की कोशिश करते, देश के विकास से उनको कोई खास मतलब नहीं है वह सिर्फ अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक भविष्य को देख रहे हैं, जो कि उन का भ्रम है| लाभ  और विकास को समझने के लिए कुछ समय तो देना पड़ेगा|

       बहुत ज्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति नहीं हूं इसलिए इतने सारे सवाल कि !  _विकास कहाँ हुआ, कैसे हुआ,  क्या-क्या हो रहा है, क्यों नही हो रहा है,_   इन सारी बातों पर बात नहीं कर सकता लेकिन सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि *देश का उत्थान करने वाले ऐसे कर्मठ, जुझारु, दूरदर्शी, सकारात्मक उचित, सार्थक, उत्तम व्यक्तित्व के धनी आज तक राजनीति के क्षेत्र में भारत में (पिछले ७१ सालों में) लाल बहादुर शास्त्री के बाद यह दूसरे व्यक्ति हैं जिनका नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है|*

जितने भी सवाल वर्तमान समय में मीडिया पर या भटकती आत्माओं के द्वारा पूछे जा रहे हैं, उनका एक ही जवाब है कि !
७१ सालों में आज तक इतने विषय पर सवाल किसी भी प्रधानमंत्री से पूछे गए हैं क्या ?  इतने सारे विषयों पर इतने सारे मुद्दों पर बात की गई है क्या ?  इसका भावार्थ यही है कि इतने सारे क्षेत्रों में काम हो रहा है|
काम किया जा रहा है तभी तो सवाल निकल रहे हैं|

*बातें तो उन्हीं की होती हैं जिनमें जान होती है|*
*वतन पर मिटने वालों की मरकर भी पहचान होती है|*
                          @साहिल

ध्यान आकृष्ट कराने हेतु यह बताना चाहूंगा की मैं कोई नरेंद्र मोदी जी का भक्त नहीं हूं और ना ही राजनीति से बहुत ज्यादा सरोकार रखता हूं फिर भी अपने देश से जुड़े हुए सभी देशभक्तों की भावनाओं को नमन करता हूँ, वन्दन करता हूँ, उनके कार्यों को परखने की समझ रखता हूं एवं उनकी बुराई तथा निंदात्मक टिप्पणियों को कदापि सहन नहीं कर सकता हूँ|

          जो भी व्यक्ति अगर मेरे विचारों से सहमत नहीं है तो मत रहें, क्योंकि !
   
फ़िजा में फूल भी बहुत हैं और काँटे भी बहुत,
किसकी नज़ाकत को सवारूँ जाना तो सबको है|

कोई खुशबू फैलाता हैं, कोई दर्द बढ़ाता है,
कोई हमदर्द बनता है, कोई नासूर बनता है|

मोहब्बत के आश़ियाने बहुत हैं,
जिन्दगी के  मायने  बहुत हैं,
मत कर फिक्र तू देश की इतनी,
अभी भारत में मयखाने बहुत हैं|

सभी साथियों को हृदय तल से साधुवाद एवं धन्यवाद मेरे पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़ने हेतु|

जो भी सज्जन मेरी अभिव्यक्ति से सहमत नही है, कृपया अपनी मौलिक अभिव्यक्ति मातृभाषा में ही देने की कृपा करेंगें|

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
      इलाहाबाद उ० प्र०
मो० ~९२६४९८८८६०
       🙏जय जय 🙏
🌺🌺जय हिन्द जय भारत🌺🌺

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