Skip to main content

जनचेतना आवेदन


जनचेतना सा० सां० स०, पंजि० २२६
पता~आर्यसमाज मंदिर के पीछे, बीसलपुर, पीलीभीत, उ० प्र०
🙏💐  प्रवेशार्थावेदन 💐🙏🏻

परिवार की अनशंसा की गई~व्यक्ति विशेष................\फेसबुक\ट्विटर

कब विचार बना...............

पटल पर कोई परिचित..........

÷÷÷÷÷÷÷÷

*स्ववृत्त*


मूल नाम   ......... (अपनी फोटो भी साथ भेंजे)

साहित्यिक नाम.....

उम्र........ (जो आज की उम्र है).   जन्मतिथि......

माता का नाम  ........

पिता का नाम  ........

निवास स्थान  ( १. स्थायी). ........

    
                   (२. अस्थायी, यदि अन्यत्र भी निवास हो).....

व्यवसाय  ........

व्हाट्सएप नंबर ........ अन्य वैकल्पिक फोन नंबर .....

* संस्था के किस-किस पटल से जुडना चाहते हैं~१. मुख्य पटल २. छन्दशाला ३. ग़ज़लशाला ४. व्याकरणशाला ५. ..

* संस्था को किस रूप में सहयोग कर सकते हैं ~ १. विमर्श २. योजना ३. तकनीकी ४. अन्य...

* साहित्य की विधा जिसमें रुचि \ अनुभव हो --

* साहित्यिक उपलब्धियाँ (यदि हों तो)
--

* साहित्य से जुड़ाव कैसे हुआ --


* साहित्य से जुड़े हुए अवधि / लेखन अवधि --

* किसी साहित्यिक संस्था की सदस्यता (यदि हो तो)...


* इस समूह के गुण-दोष (निष्पक्ष व निश्चिन्तता से, जिससे संवर्धन हो सके) - ...


* इस समूह से अपेक्षाएँ (यदि कोई हो).....

* अन्य पटल, जहाँ आप जुड़े हैं ~
१. पूर्ण सक्रियता वाले.....

२. आंशिक सक्रियता वाले...

३. सुप्त.....

ध्यातव्य~
१. मैं इस पटल की रीति-नीति के अनुरूप कार्य-व्यवहार को संकल्पित रहकर केवल मात्र साहित्य-सेवा के लक्ष्य पर ही समर्पित रहूँगा |

२. समूह के किसी पटल , व्यक्ति या रचना विशेष पर विवाद न करते हुये सीधे प्रशासक मंडल के सदस्यों में से किसी एक (एडमिन्स) के इंबॉक्स मे उक्त की चर्चा\तर्क कर गरिमा बनाये रखूँगा, लेकिन किसी भी स्थिति में पटलों पर या व्यक्ति विशेष से अमर्यादित व्यवहार न करके स्वयं के व समूह \व्यक्ति के सम्मान को बनाये रखूँगा |

३. मेरे द्वारा किसी भी प्रकार से अनुशासन भंग होने पर समूह द्वारा सकारण निष्कासन\ दिवस वर्जना  की जा सकती है, जो स्वीकार्य होगा और कहीं भी अन्यत्र इस प्रकरण पर चर्चा नहीं करूँगा |

हस्ताक्षर

नाम~

~~~~~~~~~
(इस आवेदन की जनचेतना समूह द्वारा संस्तुति मिलने के सात दिवस के अन्दर इसी प्रपत्र की कागज़ फोटो प्रति बनवाकर  या हस्तलिखित रूप में अपनी फोटो सहित डाक द्वारा संस्था के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेषित कर सहयोग करें | इसकी प्राप्ति के बाद ही समूह से जोड़ना संभव होगा |)

🙏 🙏 🙏

केन्द्रीय कार्यालय उक्त विवरण प्राप्ति पर सदस्य संख्या जारी करेगा | इस सदस्य संख्या का रचनाकार द्वारा अपनी रचना के साथ अपने नाम के बाद कोष्ठक में प्रयोग अनिवार्य होगा | बिना सदस्य संख्या के रचना चयनित (उद्देश्य विशेष से, जो कि समयानुसार बताया जाता रहेगा) नहीं की जा सकेगी |

Comments

Popular posts from this blog

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...