नित्य नमन
🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀
हे हरि इहिकहिं सतत हम, दायहुँ संबल आप |
नयन भौंर तै आपुकै, हो विलीन सबु ताप ||
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
आज रौ दुस्साहस~
मायड़ रै आशीष स्यूँ, देव सहाया मोर |
सबकै सागै सध गयो, छौ ज्यौ कारज मोर ||
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
कल को थामा हाथ आपने, बालाजी |
कारज कीन्हा साथ आपने, बालाजी |
यूँ ही सिगरे काम सफल करते रहना,
अंग लगाया नाथ आपने, बालाजी ||
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
© भगत
★ पंक्ति छन्द ★
(भगण+गुरु+गुरु, ५ वर्ण, ४ चरण, २-२ चरण समतुकान्त)
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
साथ तिहारा |
आप किनारा ||
मीत हमारे |
भौम सहारे ||
आपहुँ मानूँ |
साचहूँ जानू ||
हे प्रिय संता |
हारक कंता ||
तारक माया |
सार अमाया ||
मूलहि आपा |
लोकहिं ब्यापा ||
🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀
©भगत
Comments
Post a Comment