द्वन्द समास (वैयाकरण भगत जी)

माता - पिता अर्थात माता और पिता में
द्वन्द्व समास तो है ही,  पर "विलोम" नही है,
विलोम शब्द अलग प्रकरण है |

द्वन्द्व समास वहाँ होता है , जहाँ दो या दो से अधिक शब्द जोड़ा बनाते हैं (अर्थात् एकल इकाई के रूप में अभिव्यक्ति देते हैं, पर द्वन्द्व भी प्रमुखत: पाँच प्रकार का है~
१.
इतरेतर द्वन्द्व ~ जहाँ जोड़े में प्रयुक्त शब्द परस्पर पूरक हों अर्थात् समस्थिति पर रहकर जोड़ा बनाते हों| ( जिनमें से किसी एक का चुनना संभव ही न हो , वही परस्पर पूरक कहलाते हैं)
जैसे ~ माता-पिता, बहन-भाई...

२.
वैकल्पिक द्वन्द्व ~  जहाँ जोड़े में प्रयुक्त शब्द परस्पर विलोमर्थी हों |
जैसे ~ पाप-पुण्य, आज-कल...

३.
समाहार द्वन्द्व ~ जहाँ जोड़े में प्रयुक्त शब्द अपने समान ही अन्यार्थ को प्रकट करते हों |
जैसे ~ कूड़ा-करकट =कूड़ा, करकट इत्यादि |
(कूड़ा =गीला अवशिष्ट या कचरा, करकट = सूखा अवशिष्ट या कचरा)

४.
सार्थक-निरर्थक ~ एक पद अर्थयुक्त व दूसरा पद अर्थहीन हो |
जैसे ~ चाय-वाय, गाड़ी-वाड़ी...

५.
द्विसंख्यक ~ दोनों पद संख्यावाची हों |
जैसे ~ पच्चीस (२५=बीस और पाँच)

🙏 जय-जय

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