मेघवितान छन्द (डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल')

🌸 मेघवितान छंद 🌸

विधान~ [सगण सगण सगण गुरु]
(112 112 112   2
10 वर्ण, 4 चरण
[दो-दो चरण समतुकांत]

करुणाकर कोमल काया|
कमलासन रोचक माया||
सुखसागर  सोम सहारा|
तजिए भव बंधन सारा||

शिव  शंकर  सुंदर  लागै|
जग जीवन जंगम जागै||
मन मोहक मोहन गाऊँ|
सुर  सागर संगम पाऊँ||

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

Comments

Popular posts from this blog

वर्णमाला

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार