○ नशामुक्ति ○
कूड़े के ढ़ेर से निकाला हुआ भोजन किसी को दिया जाये तो क्या वो खायेगा? एक ऐसा खाद्य पदार्थ जिसे खाने से तिल तिल करके मन व तन खराब होता है। पाचन शक्ति क्षीण होकर 10 वर्ष से कम में ही पूरा शरीर सूख कर खराब हो जाता है । शरीर में तमस, क्रोध, चिड़चिड़ापन, अरूचि, उन्माद, भ्रम, अवसाद, भूख की कमी, प्यास की कमी पैदा करने वाला सभी का सर्व प्रिय खाद्य पदार्थ कौन सा है ? प्रकृति के उपहारों में उपलब्ध सबसे निकृष्ट और जहरीला पदार्थ या पौधा कौन सा है ? जो शरीर, मन और धन को थोड़ा थोड़ा करके खत्म करता है । ऐसा खाद्य पदार्थ जिसकी कैद में समाज के 80% से ज्यादा लोग है । जिनको इस महा जहर ने कई पीढ़ियों से जकड़ रखा है, शरीर और मन को कब्जे में कर रखा है ।गिरफ्त से निकलना हिमालय की चढ़ाई चढ़ना जितना दुष्कर है । आश्चर्य तो यह है कि पुरुष और महिला दोनों का जीवन फँसा है इस व्यसन में। सारे सवालों का जवाब या वह खाद्य पदार्थ तम्बाकू है जो एक जंगली पौधे के बीज, पत्तियों एवं तनों से तैयार किया जाता है। इस पौधे का वैज्ञानिक नाम लोबेलिया इन्फ्लाटा है। इस पौधे के कुछ लाभ भी है परन्तु खाने पर नहीं बाहरी उपयोग के लिए। त्वचा से सम्बंधित रोगों व इन्फेक्शन में तम्बाकू के मलहम का उपयोग होता है। कभी कभी पुराने घाव व दाँत के कीड़ों को नष्ट करने के लिए तथा अस्थमा के मरीजों को आराम देने के लिए तम्बाकू का प्रयोग किया जाता है । धूम्रपान एक धीमा जहर है । यह शरीर को धीरे धीरे खोखला करता है । सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है । जिसके कारण मनुष्य जल्दी मर जाता है। धूम्रपान कैंसर, तपेदिक(टी•बी•) जैसे रोग पैदा करता है । धूम्रपान करने वाले को भूख ठीक से नहीं लगती । मुंह का स्वाद भी खराब हो जाता है। मुँह में दुर्गंध बनी रहती है। स्त्रियों के लिए धूम्रपान और भी घातक है । कुछ लोग समझते हैं कि धूम्रपान करने से मन और दिमाग को शांति मिलती है । वह यह सोचता है कि इसके प्रयोग से वह एकाग्र मन से काम कर सकते है । वास्तव में ये धारणा बहुत गलत है । वास्तव में धूम्रपान दिमाग को कुंठित कर देता है । तम्बाकू और सिगरेट की डिबिया पर भी लिखा होता है कि "धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक होता है" " तम्बाकू से कैंसर होता है "
फिर भी लोग ये विष पीते हैं । आज की युवा पीढ़ी धूम्रपान की लत में बहुत बुरी तरह जकड़ी हुई है । चाह लें इन्सान तो क्या कुछ नहीं कर सकता। बस उच्च मनोयोग की जरूरत है । नशे, व्यसन, ध्रूमपान और मदिरापान से हम अपने मनोबल को मजबूत करके एवं कुछ प्राकृतिक , आयुर्वेद और होम्योपैथिक दवाईयों का सहारा लेकर बच सकते है क्योंकि हम(मानव) किसी नशे या व्यसन के गुलाम नहीं दुनिया की सारी आदतें हमारी गुलाम बनें क्योंकि हम उस सर्वशक्तिमान परम सत्ता की सबसे सर्वोत्कृष्ट रचना हैं, हम अपना जीवन, स्वास्थ्य, सेवा और परोपकार में लगायें। एक आसान और घरेलू नुस्खा तम्बाकू चबाना छोड़ने के लिए -
50 ग्राम सौंफ
50 ग्राम अजवाइन
25 ग्राम काला नमक
5 ग्राम कपूर
चारों को महीन पीस कर मिलाकर नींबू के रस से सानकर छोटी गोलियाँ बनाकर चाँदनी रात में सुखा लें । नशे की तलब लगने पर दिन में 5-6 गोली खायें।
50 ग्राम अजवाइन
25 ग्राम काला नमक
5 ग्राम कपूर
चारों को महीन पीस कर मिलाकर नींबू के रस से सानकर छोटी गोलियाँ बनाकर चाँदनी रात में सुखा लें । नशे की तलब लगने पर दिन में 5-6 गोली खायें।
धन्यवाद
- डाॅ . राहुल शुक्ल
03/06/2016
Comments
Post a Comment