27/07/2016
प्रेम जानने की इच्छा जिज्ञासा
जिज्ञासा से होवे पहचान
पहचान पूर्वकम ज्ञान
ज्ञान से बनी रीति
बिन जाने होये न परतीति
बिन परतीति होये न प्रीति
प्रीति बिना न आवै भाव
भाव बिना न होवे लगाव
लगाव से होवे प्रेम
प्रेम बिना जीवन संग्राम
जीवन पार लगाये प्रेम
प्रेम बितावै जीवन
जीवन सुखदुख का पहिया
न हर्ष करो न द्वेष
आनन्द रहो
जब मन से न होवै काहू से बैर
सुख मिलत है प्रेम में
परमसुख है प्रेम ।।
- डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
प्रेम जानने की इच्छा जिज्ञासा
जिज्ञासा से होवे पहचान
पहचान पूर्वकम ज्ञान
ज्ञान से बनी रीति
बिन जाने होये न परतीति
बिन परतीति होये न प्रीति
प्रीति बिना न आवै भाव
भाव बिना न होवे लगाव
लगाव से होवे प्रेम
प्रेम बिना जीवन संग्राम
जीवन पार लगाये प्रेम
प्रेम बितावै जीवन
जीवन सुखदुख का पहिया
न हर्ष करो न द्वेष
आनन्द रहो
जब मन से न होवै काहू से बैर
सुख मिलत है प्रेम में
परमसुख है प्रेम ।।
- डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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