गलियाँ

👦🏻   गलियाँ   👧🏻

वो गलियाँ अब बेगानी है,
बहता आँखों से पानी है,
बनने से पहले टूट गया,
रिश्ता जो पीछे छूट गया|

गलियों की उस बारिश में,
तुमसे मिलने की गुजारिश में,
कितने दिन बर्बाद किए,
बैठे थे तुम्हरी याद लिए|

उन गलियों में ना जाएंगें,
प्रेम का गीत ना गाएंगें,
मिली नही वो राधा तो,
तारा को ही अपनाएंगे|
👰🏻
© डॉ० राहुल शुक्ल साहिल

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