अथध्यानम्
शान्ताकारं भुजगशयनम् पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाग्ङम्।।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
भावार्थ
जिनकी आकृति अतिशय शान्त है,
शेषनाग की शय्या पर करते है शयन जो,
जिनकी नाभि में कमल विद्यमान है,
जो देवों के ईश्वर जगत के आधार है,
जो आकाश के समान सर्वत्र व्याप्त है,
नील मेघ के समान जिनका वर्ण है,
अति सुंदर जिनके सम्पूर्ण अंग है,
जो योगियों द्वारा ध्यान से प्राप्त होते हैं,
जो सम्पूर्ण लोकों के स्वामी हैं,
जो जन्म मरण भय को हरने वाले हैं,
ऐसे लक्ष्मीपति, कमलनेत्र भगवान,
श्री विष्णु का हम शत शत नमन करते हैं।
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सबसे बड़े गुरु संसार को चलाने वाले समस्त संसार में उपस्थित सभी जीवों व प्रकृति का प्रबन्धन देखने वाले देव श्री हरि विष्णु के समान हमें जीवन को बनाने का प्रयास करना चाहिए।
जिस प्रकार वह समस्त दूख संताप कष्ट परेशानियों रोग व्याधियों आदि को देखते हुए भी शान्त रहते है, शान्ति धारण किये रहते है उसी प्रकार हमें भी विभिन्न विपरीत परिस्थितियों में भी शान्ति रखना चाहिए।
कर्म के पश्चात निश्चिंत निद्रा होनी चाहिए अर्थात अपना हर कर्म इतना स्पष्ट हो कि बढ़िया नींद आये जैसे शेषनाग की शैय्या पर भी सुला दो तो कोई चिन्ता नही रहे।
नाभि में कमल के समान किसी भी बात या घटना को पचाकर सुरेशं यानि शान्त बने रहने से ही आगे आने वाले उद्देश्यों की पूर्तिकर पायेगें।
जो विश्व की आधारशिला हैं वह आकाश के समान सर्वत्र
व्याप्त है जिन्हें सब का समान रूप से ध्यान रखना है।
इतना सब कुछ देखते और करते हुए भी उनका मुखमंडल व वर्ण शोभायमान हो रहा है
चेहरा व मन प्रसन्नचित है।
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
☆ परिचय ☆
नाम - डाॅ•राहुल शुक्ल
उपनाम - साहिल
पिता - श्री बुद्धि नारायण शुक्ल
माता - श्रीमती कान्ती शुक्ला
शैक्षणिक योग्यता - बी•एच•एम•एस 2008 जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर म•प्र•
साहित्य प्रकाशन - 1-2 बार मासिक स्थानीय पत्रिकायों में,
उद्देश्य - पिछड़े क्षेत्र एवं ग्रामीण व शहरी
लोगों की चिकित्सकीय सेवा व
उचित सलाह
रूचि - वैज्ञानिक अध्यात्मवाद, हिन्दी
साहित्य अध्ययन व लेखन,
सर्वेक्षणात्मक भ्रमण आदि,
पत्नी - श्रीमती कान्तिप्रभा शुक्ला (शिक्षिका)
सन्तान - अंशुल शुक्ल (पुत्र6वर्ष)
लिखने, पढ़ने, ज्ञानवर्धक भ्रमण असहाय अशक्तो की चिकित्सकिय सेवा व व्यक्तिगत मदद के अलावा मुझे आध्यात्मिक अध्ययन की विशेष रूचि 12 साल की उम्र से ही है।
वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के अध्ययन की विशेष रूचि एवं ज्ञान को बढ़ाने की कोशिश प्रयासरत है।
डाॅ• राहुल शुक्ल
(होम्योपैथिक चिकित्सक)
302/4 शिवकुटी, तेलियलगंज, इलाहाबाद,
उ•प्र• 211004
ई• मेल - rsrahulshukla9@gmail.com
मोबाइल- 8858344659, 9369172742
स्वागताध्यक्ष साहित्य संगम
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