विधा ◆ मौक्तिक दाम छंद◆
विधान~
[ जगण जगण जगण जगण]
(121 121 121 121)
12वर्ण,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]
भजो मन राम चलो रघु धाम।
हरे सब दोष मिले जग नाम।।
हटे हर लोभ लगे प्रभु भोग।
घटे तम क्षोभ मिटे सब रोग
✍ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ
विधा ◆ मौक्तिक दाम छंद◆
विधान~
[ जगण जगण जगण जगण]
(121 121 121 121)
12वर्ण,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]
भजो मन राम चलो रघु धाम।
हरे सब दोष मिले जग नाम।।
हटे हर लोभ लगे प्रभु भोग।
घटे तम क्षोभ मिटे सब रोग
✍ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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