निशान

*विधा* ◆ धुनी छंद ◆

विधान-
[भगण जगण गुरु ]
(211  121   2)
7 वर्ण,यति ,4 चरण,
2-2 चरण समतुकांत।

रोशन निशान हो।
प्रेम धन शान हो।।
नेह मन मान हो।।
जीवन जहान हो।।

पावन निशान हो।
जान पहचान हो।।
चंदन सुभाष हो।
फूल एहसास हो।।

मौसम बहार हो।
नूतन विचार हो।
भाव सहकार हो।
पूरब पुकार हो।।

गीत गुन गंध हो।
चाहत सुगंध हो।।
वंदन भुवान हो।
नंदन निशान हो।।

✍ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

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