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वन्दना शिव शंकर

विषय ▪ इष्ट देव महादेव को समर्पित वन्दना
रचियता ▪ डाॅ• राहुल शुक्ल'साहिल'

मन में विचार उत्पन्न करने वाले की
वन्दना हम करते हैं, •••••वन्दना हम करते हैं,

वाणी में वचन उत्पन्न करने वाले की
वन्दना हम करते हैं, •••••वन्दना हम करते हैं,

इन्द्रियों में संयम उत्पन्न करने वाले की वन्दना हम करते हैं, •••••वन्दना हम करते हैं,

श्रम में कर्म उत्पन्न करने वाले की
वन्दना हम करते हैं, •••••वन्दना हम करते हैं।
      

जीवों के  देव  की वन्दना हम करते हैं ,
असुरों के देव की वन्दना हम करते हैं ,
मानव के देव की वन्दना हम करते हैं ,
देवों  के  देव  की वन्दना हम करते हैं ।

समय के देव की वन्दना हम करते हैं ,
प्रेम के  देव की वन्दना हम करते हैं ,
कलियुग के देव की वन्दना हम करते हैं ,
हर युग के देव की वन्दना हम करते हैं ।

 सत्य  के  देवता की वन्दना हम करते हैं
सौन्दर्य के  देवता की वन्दना हम करते हैं ,  
शान्ति  के  देवता की वन्दना हम करते हैं ,
 गणों   के  देवता की वन्दना हम करते हैं ।

विघ्नहर्ता की  वन्दना हम करते हैं ,
जगतकर्ता की वन्दना हम करते हैं ,
मंगलकर्ता की वन्दना हम करते हैं,
शुभकर्ता  की वन्दना हम करते हैं ।

 युगाधिपति  की वन्दना हम करते हैं, कालाधिपति की वन्दना हम करते हैं,
कैलाशपति की वन्दना हम करते हैं ,
 उमापति  की  वन्दना  हम करते हैं ।

भोले शंकर की वन्दना हम करते हैं ,
महादेव शंकर की वन्दना हम करते हैं ,
शिव शंकर की वन्दना हम करते हैं ,
पार्वती शंकर की वन्दना हम करते हैं।

त्र्यम्बकेश्वर की वन्दना हम करते हैं,
ॐकारेश्वर की वन्दना हम करते हैं,
काशीश्वर की वन्दना हम करते हैं,
नागेश्वर  की वन्दना हम करते हैं ।

सोमेश्वर  की वन्दना हम करते हैं,
घृष्णेश्वर की वन्दना हम करते हैं,
महाकालेश्वर की वन्दना हम करते हैं,
रामेश्वरम की वन्दना हम  करते हैं।

  संगम सुखद रीत यही, करो सभी का मान।
सकल सृजन सरगम बजे, मिलें श्रेष्ठ  सम्मान।।

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