विधा ◆मलयज छंद◆
शिल्प- 8 लघु प्रति चरण
चार चरण समतुकांत।
सजर सवर नर।
झटपट चल घर।।
हरदम दम भर।
तन मन भल कर।
अचल अटल बल।
नमन सकल भल।।
मत कर हलचल।
बनत करम फल।।
दमन शमन थम।
हट अब मन तम।।
भजन मगन नम।
सफल यजन मम।।
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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