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बरवै छ्न्द

           🍁  बरवै-छंद 🍁
(विषम पदों में 12, सम पदों में 7 मात्राएँ)
चरणान्त 121 रखना है ।


मन मन्दिर बसते हैं,जय सियराम|
बिगड़े सब होते हैं, पूरन काम||
जीवन  मेरा   तारो,  तारनहार |
संकट  सारे   काटो, पालनहार|| 

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

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