कुछ दोहे 'साहिल' की कलम से

१)
नारी का सम्मान हो, नारी देवी रूप|
सकल साधना मान है, नारी रूप अनूप||

२)
सत्य सनातन धर्म है, हिन्दू की पहचान|
मन वाणी अरु कर्म से, राम नाम सम्मान||

३)
सुख दुख में जो साथ हो, वही कहाए मित्र|
संकट में  व्यवहार से, बने  हृदय पर  चित्र||

४)
चार चरण की ताल हो, भाव मधुर मकरन्द|
मन  मन्दिर में प्रेम का, लिख दो प्यारा छंद||

५)
तमस देश का हट रहा, मन की यही पुकार|
स्वच्छ सदा सरकार हो, सबकी  है हुंकार||

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

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