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विश्व जनचेतना ट्रस्ट का कार्यक्रम (19/03/2019)

🎍🎍  कार्यक्रम समीक्षा  🎍🎍
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        विश्व जनचेतना ट्रस्ट 'भारत'
आनलाइन काव्य सम्मेलन (19/03/2019) सायं ~6 बजे
नवल किरण सी जग गयी, नमन बने अब आस|
सरस रंग में रंग लो, सम्मेलन है पास;
चलो सब मिलकर गायें, खुशी के गीत सुनाये |

_अनुज नीतेन्द्र सिंह परमार 'भारत'  की अटूट सद्भावना एवं सजग प्रयासों से, प्रिय भाई दिलीप कुमार पाठक 'सरस' जी के सतत मार्ग दर्शन में, आ० ममता सिंह राठौर 'मीत' जी के सुमधुर विचारों से, होली के रंगीन अवसर पर आनलाइन काव्य सम्मेलन की रूपरेखा बन सकी |_
आ० सन्त गुरु शैलेन्द्र खरे 'सोम' जी के आशीर्वचन रूपी प्रेरक शब्दों से आनलाइन कार्यक्रम एवं सभी साथियों को संबल प्राप्त हुआ|

आ० कौशल कुमार पाण्डेय 'आस' जी का आशीर्वाद भी समय- समय पर हमें प्राप्त होता रहा है, आशा है कार्यक्रम में अपनी अनमोल उपस्थिति से कार्यक्रम में रंग भरेगें|

कार्यक्रम अध्यक्ष आ० सुशीला धस्माना 'मुस्कान' दीदी जी के स्नेहिल शब्दों से हमें हमेशा सशक्त संबल मिलता है और नवाचार करने को आतुर हो जाते हैं, आपकी उपस्थिति हमारे लिए 'मधुर' अहसास है|

प्रिय भाई शीतल प्रसाद बोपचे जी की शानदार अप्रतिम अलंकरण प्रतिभा के सभी कायल हैं, आपके आने से भातृत्व भाव में बढ़ोत्तरी होती है|

```आ० हरीश बिष्ट जी विश्व जनचेतना ट्रस्ट के उत्तरोत्तर विकास में पिलर और दिवार के समान आवश्यक साबित होगें, आपको हृदय से आभार|

*सम्मेलन में सहभागी साहित्यकार एवं उपस्थित सभी महानुभावों को कार्यक्रम सफल बनाने के लिए कोटि कोटि आभार|*

*भारत की है भावना, सम्मेलन हो खाश|*
*जय जय हिन्दी बानगी, रच लेगी इतिहास||*

साहिल की ओर से सभी गुणिजनों एवं देवियों को रंग पर्व होली की अनंत शुभकामनाएँ|

*विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत के तत्वावधान में "होली के रंग कवि सम्मेलन के संग" ऑनलाइन कवि सम्मेलन 19 मार्च  2019 में निम्न सभी साथियों का कोटि कोटि अभिनन्दन एवं सहभागिता हेतु सहृदय आभार|*

आ० रवि रश्मि  _"अनुभूति"_
आ० एस.के.कपूर _"श्रीहंस"_ जी
आ० इन्दु शर्मा  _"शचि"_ जी
आ० राकेश राज  _"पार्थ"
आ० हरीश बिष्ट  जी
आ० विश्वेश्वर शास्त्री _"विशेष  "_ जी
आ० तेजराम नायक _"तेज"_ जी
आ० ओमप्रकाश फुलारा  _"प्रफुल्ल"_  जी
आ० भुवन बिष्ट  जी
आ० मधु गौड़ _"दिव्या"_ जी
आ० ममता सिंह  राठौर  _"मीत"_ जी
आ० डॉ. आदेश कुमार  _"पंकज"_ जी
आ० नेहा चाचरा बहल _"चाहत"_ जी
आ० शिवम् दीक्षित  _"दादा"_  ज
आ० द्वारका प्रसाद पाराशर जी
आ० जयकांत पाठक जी
आ० इंदु शर्मा  _"मेधा"_ जी
आ० नीतेन्द्र सिंह परमार  _"भारत"_ जी
आ० बिनोद कुमार  _"हँसौड़ा"_ ज
आ० संतोष कुमार  _"प्रीत"_ जी
आ० डॉ.लियाकत अली _"जलज"_ जी
आ० सुशीला धस्माना _"मुस्कान"_ जी
आ० साधना _"कृष्ण"_ जी
आ० शैलेन्द्र खरे _"सोम"_  जी
आ० विवेक _"राज"_ जी
आ० कौशल कुमार पाण्डेय 'आस' जी
आ० आकाश यादव _"क़ातिल"_ जी*
आ० रीता सिंह _"रीत"_ जी
आ० हीरालाल यादव जी
आ० जय अवस्थी जी
आ० दिलीप कुमार पाठक  _"सरस"_ जी
आ० बृजमोहन श्रीवास्तव _"साथी"_ जी
आ० आलोक सैनी जी
आ० तुलाराम अनुरागी व्योम जी
आ० शीतल प्रसाद बोपचे जी
आ० नमन जैन अद्वितीय जी
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डॉ. राहुल शुक्ल साहिल
       उपाध्यक्ष
विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत

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कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं   ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म)  =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~

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