प्र ~ प्रभु के
सा ~ साक्षात
द ~ दर्शन
आत्मा की तृप्ति ही प्रसाद है|
ईश्वर की अर्चना, अराधना, पूजन एवं साधना में भगवान को सूक्ष्म रूप से अर्पित भोज्य पदार्थ/ भोग को प्रसाद कहते हैं, जिसका कुछ अंश ग्रहण करना ही शरीर में ऊर्जा एवं सात्विकता प्रदान करता है|
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
सा ~ साक्षात
द ~ दर्शन
आत्मा की तृप्ति ही प्रसाद है|
ईश्वर की अर्चना, अराधना, पूजन एवं साधना में भगवान को सूक्ष्म रूप से अर्पित भोज्य पदार्थ/ भोग को प्रसाद कहते हैं, जिसका कुछ अंश ग्रहण करना ही शरीर में ऊर्जा एवं सात्विकता प्रदान करता है|
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
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