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Showing posts from January, 2018

सिसकियाँ सरस जी

    सिसकियाँ विधा~गीत आकण्ठ हृदय से निकल गयीं| सिसकीं होठ सिसकियाँ|| सिसक-सिसक सिसकी कहती| अँखियाँ बहतीं ज्यों नदियाँ|| बिछड़ गयीं पर तुम तो खुश थीं| भूल गया बिछड़न गम को|| किन्...

सिसकियाँ (पं. सुमित शर्मा 'पीयूष')

  विषय : सिसकियाँ 🙏🌸🙏🌸🙏🌸🙏 माँ को रोते देखा है बिखरेपन सी महक बिछी है, अब आँगन-ओसारे में, सूखे पत्ते टूटे-बिखरे, हैं कच्चे गलियारे में! निर्जनता के बीज, वक्त को घर में बोते देख...

राधारमण छन्द

        राधारमण छंद विधान~ [नगण नगण मगण सगण]यय (111  111  222  112) 12 वर्ण, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत] (नगण+नगण+मगण+सगण, १२ वर्ण प्रति चरण युक्त चार चरण, क्रमश: दो-दो चरण समतुकान्त) चहल पहल का आयोजन है...

भृंग छन्द

भृंग छंद विधान ~ [{नगण(111)×6}+पताका], 111 111 111 111 111 111 21, 20 वर्ण,यति 12,8 वर्ण पर,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत। लगन मगन मन  मचलत, सकल भुवन चाह| सुखद सरल तन महकत, दिखत मिलन राह|| फड़कत  रदपुट  ललछर, कहत  परम  बात| सु...

स्वामी विवेकानंद का परिचय

स्वामी विवेकानन्द शिकागो (1893) में चित्र में स्वामी विवेकानन्द ने बाँग्ला एवं अंग्रेज़ी भाषा में लिखा है: "एक असीमित, पवित्र, शुद्ध सोच एवं गुणों से परिपूर्ण उस परमात्मा ...

विवेकानंद का शिक्षा-दर्शन

विवेकानन्द का शिक्षा-दर्शन 👇🙏 स्वामी विवेकानन्द मैकाले द्वारा प्रतिपादित और उस समय प्रचलित अेंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था के विरोधी थे, क्योंकि इस शिक्षा का उद्देश्य सि...

हरिवंश राय बच्चन की सम्पूर्ण "मधुशाला"

पूरी मधुशाला... मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला, पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती म...