🌸 *मृगेंद्रमुख छंद* 🌸
विधान-
नगण जगण जगण रगण गुरु
(111 121 121 212 2)
2-2चरण समतुकांत,4चरण।
तन -मन चाहत मीत प्रीत साजे|
प्रतिपल राहत राग गीत बाजे||
मधुरिम मोहक नीर संग धारा|
सुखमय सूरत साथ हाथ तारा||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ
🌸 *मृगेंद्रमुख छंद* 🌸
विधान-
नगण जगण जगण रगण गुरु
(111 121 121 212 2)
2-2चरण समतुकांत,4चरण।
तन -मन चाहत मीत प्रीत साजे|
प्रतिपल राहत राग गीत बाजे||
मधुरिम मोहक नीर संग धारा|
सुखमय सूरत साथ हाथ तारा||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
Comments
Post a Comment