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मुक्तक

बनेगा प्रेम का बंधन, मधुर मझधार भी होगी,
रहेगा प्रीत का दामन, सुहानी शाम भी होगी,
मिलन की बाँसुरी, मन में मधुर सा   राग गाएगी,
बजेगा राग  तेरे संग  दिवानी  ताल  भी होगी||

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

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