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जत जय शिव शम्भू (घनाक्षरी)

जय जय शिव शम्भू,
जय जय भोले नाथ,
जय जय शंकर की,
कृपा  सदा  बरसे।   

तन- मन घन घूमे,
जन जन सुन झूमे,
बम बम बम भोले,
बाल  वृद्ध   हरषे|

घन - घन   घनाक्षरी,
शिव-शिव शब्दाक्षरी,
कण- कण  में दर्शन,
मानुष  क्यूँ  तरसे |

देव   महादेव   कहो,
जग का आधार कहो,
पूजन  अर्चन   शिव,
हिय   मेरा    हरसे |     

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

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