🏆 मनहरण घनाक्षरी 🏆
शिल्प : प्रति चरण 31 वर्ण
(8,8,8,7 वर्णों में पँक्तिबद्ध)
चरणान्त 12
सोहत सूरत खूब, मधुर मिलन मस्त,
मन मोर मचलत, मंगल बहार है।
नयन हिरन सम, काजल चमक चम,
ओंठ कमल पाखुरी, जियरा में भार है।
गर्दन सम गागरी, हँसी खिलत साँवरी,
कमरिया लचकत, चढ़त खुमार है।
तन मन तड़पत,धक धक धड़कत,
मिलन को तरसत,तेरा इंतजार है।
© डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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