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सुनंदिनी छन्द / टमाटर

        सुनंदिनी छंद

विधान~ [सगण जगण सगण जगण गुरु]
( 112   121  112  121  2)
13 वर्ण, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत]

सहकार  स्नेह  मन  में जगाइए|
प्रभु - प्रेम की लगन तो लगाइए||
सुर  ताल  से सुजन को लुभाइए|
मनु जन्म का वचन भी निभाइए||

      🍅 टमाटर 🍅

टमाटर जैसे  गाल तुम्हारे,
चमके चिकने लाल लाल,
आँखों की सुन्दरता भाती,
तुम हो जीवन का सुर ताल|

जबसे देखा मैने तुमको,
हाल  हुआ  मेरा बेहाल,
तन सपनों में चमक रहा है,
मिलन टमाटर बदले काल|

     🍅साहिल

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