निश्चल/नील छंद (सोम गुरुदेव)

     निश्चल छंद

विधान~
[23 मात्राएँ 16,7 मात्राओं पर यति,
चरणान्त 21]

श्रीहरिवल्लभ शशिशेखर भव,गिरिजानाथ।
त्रिपुरांतक प्रभु प्रमथाधिप हवि,नाऊँ  माथ।।
शिवशंकर    शाश्वत   गंगाधर,   दीनदयाल।
महाकाल    भूतेश्वर     शम्भू,  सोमकृपाल।।

                               ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

       नील छंद
विधान~[(भगण×5)+गुरु ]
211 211 211 211 211 2
16वर्ण,यति ,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत।

हे प्रभु  साधक  साधन  साधत हार गये।
केवट  से  चरणोदक  पाकर  पार  भये।।
गौतम  नार सुहावन  हो पिय पास चली।
नित्य निहारत सो शबरी उर आस पली।।

                           ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

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