बेटी की विदाई

_बेटी की विदाई_

अब विदाई की घड़ी आई।
बेटी हो रही है पराई।।

भीगी आँखें आँगन सूना।
माँ का दुख बढ़ता है दूना।।

सुंदर तेरा रूप सलोना।
तेरे बिन सूना हर कोना।।

माँ की बातें सदा सँजोना।
पिया के संग खुश ही होना।।

तेरी बातें याद करूँगी।
सारा जीवन खुशी रहूँगी।।

मायके की अब चिन्ता छोड़ो।
ससुराल संग नाता जोड़ो।।

रोना मत तुम बेटी रानी।
हर औरत की यही कहानी।।

बेटी तो होती है न्यारी।
साजन को लगती है प्यारी।।

पीहर का घर खूब सजाना।
बेटी बनकर फिर से आना।।

© डाॅ. राहुल शुक्ल ‘साहिल'
        🙏जय जय🙏

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