क से कामिनी ख से खुशबू ग से गीता, गीता देखे घड़ी- घड़ी| च से चमेली छ से छम- छम ज से जानकी झ से झांक रही| ट से टिम-टिम तारे चमके, ठ से ठुमकती कामिनी, ड से देखो डोल रहा है मन का पंछी, ढम ढम ...
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ