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Showing posts from February, 2018

कुछ पंक्तियाँ 'साहिल'

Our Book (Nandini) in National Book fare Allahabad

Our Book (Nandini) in National Book fare Allahabad ☘☘☘☘☘☘☘☘☘☘☘ जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति पंजी० २२६ बीसलपुर पीलीभीत द्वारा प्रकाशित *नन्दिनी* काव्य संग्रह की प्रति बिक्री हेतु नेशनल बुक फेयर इलाहाब...

Some Qoutes

लेखन के सूत्र

   लेखन के सूत्र ♢ लिखने का प्रयास शुरु करते समय मैनें भाव पक्ष को सर्वोपरि मानकर मन को विषय पर एकाग्र करके तुकबन्दी/मात्राभार/आदि का ध्यान रखते हुए कविता/आलेख आदि लिखे गये ...

स्वामी जय जगदीश हरे (साहिल)

शब्द से कविता मिली , भाव की सरिता मिली, सरिता से समता बनी, समता से ममता बनी, ममता जगी नेह की, प्रेम तत्व  स्नेह की, स्नेह प्याला प्रेम का, मोहब्बत में नेम का, नेम की आराधना, शुद्ध  ...

जनचेतना आवेदन पत्र

जनचेतना आवेदन ♦ जनचेतना सा० सां० स०, पंजि० २२६♦ पता~दिलीप कुमार पाठक सरस निवास मो0 दुवे निकट मंशाराम पीपल चौराहा, मालगोदाम रोड बीसलपुर, पीलीभीत, उ० प्र० 🙏💐  प्रवेशार्थाव...

मरहटा छंद (सोम जी /भगत जी)

       मरहटा छंद [ २९ मात्राएँ  प्रति चरण, क्रमश: १०, ८, ११ वीं यति | पहली - दूसरी यति समतुकान्त| चरणान्त में गुरु लघु (21) , चार चरण समतुकांत |] 🍃🍃🍃🌷🌷🌷🍃🍃🍃 निज भौम सुपावन, जीवनुदावन, सब...

निश्चल/नील छंद (सोम गुरुदेव)

     निश्चल छंद विधान~ [23 मात्राएँ 16,7 मात्राओं पर यति, चरणान्त 21] श्रीहरिवल्लभ शशिशेखर भव,गिरिजानाथ। त्रिपुरांतक प्रभु प्रमथाधिप हवि,नाऊँ  माथ।। शिवशंकर    शाश्वत   गंगाध...

मरहटा/ निश्चल छन्द

     निश्चल छंद विधान~ [23 मात्राएँ 16,7 मात्राओं पर यति, चरणान्त 21] तारा  तन  मनमोहक हिय में,  बढ़त हिलोर| नील मुकुट खग नाचत सुन्दर, लागत  मोर|| गरज गरज कर मेघा कहता, प्रीतम बोल| किरण बि...

भोला बचपन

   भोला बचपन  (लघु कथा) 🏃🏻🏃🏻👦🏻✏ अंश (७ वर्ष का पुत्र) भागते हुए आया और बोला, पापा मेरे लिए पेन्सिल लेते आइएगा, मैने आश्चर्य से घूरते हुए पूछा, जो दो दिन पहले मैं एक दर्जन पेन्सि...

सुनंदिनी छन्द / टमाटर

        सुनंदिनी छंद विधान~ [सगण जगण सगण जगण गुरु] ( 112   121  112  121  2) 13 वर्ण, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत] सहकार  स्नेह  मन  में जगाइए| प्रभु - प्रेम की लगन तो लगाइए|| सुर  ताल  से सुजन को लुभाइए| म...

भावना

   भावना भावना जगे तभी, साधना जगे तभी, राह में जो शूल हो, भक्ति पथ मूल हो| प्रेम भाव साथ हो, मित्र  का  हाथ हो, प्रीत की सौगात हो, सुकून भरी रात हो| भाव से ही मान है, नर नारी सम्मान है, ...

बेटी की विदाई

_बेटी की विदाई_ अब विदाई की घड़ी आई। बेटी हो रही है पराई।। भीगी आँखें आँगन सूना। माँ का दुख बढ़ता है दूना।। सुंदर तेरा रूप सलोना। तेरे बिन सूना हर कोना।। माँ की बातें सदा सँज...

निश्चल छन्द

       निश्चल छंद विधान~ [23 मात्राएँ 16,7 मात्राओं पर यति, चरणान्त 21] 'तारा' तन मनमोहक हिय में,  बढ़त हिलोर|  नील मुकुट खग नाचत सुन्दर, लागत  मोर|| गरज - गरज कर मेघा कहता, प्रीतम  बोल| किर...