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विधाता छ्न्द (हृदय की भावनाएं)

  विधाता छंद  (हृदय की भावनाएं)

   विधान
इस छंद के प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ होती हैं। 14,14 मात्रा पर यति होती है। 1, 8, 15, 22 वीं मात्राएँ लघु (1) होती हैं। दो दो चरण तुकांत, कुल चार चरण प्रति छंद।
मापनी -1222 1222, 1222 1222

हमारी भावनाओं का, कहीं कोई असर होता।
जिसे मन चाहता है वो, हमारा हम सफर होता।।
हमारी चाहतों का अब, तनिक तुम मोल तो समझो‌।
हमारे प्रेम को अद्भुत, अटल अनमोल तो समझो।‌

सुहानी शाम की सुन्दर हवाएं बह रही जब से।
व्यथा प्रेमी प्रसूनों की, कहानी कह रही सबसे।‌।
सुगंधित रातरानी भी, मिलन के गीत गाती है।
सितारे जगमगाते हैं, निशा नभ को सजाती है।।

सुना है साधना सच्ची, कभी निष्फल नही होती।
समस्या ज़िन्दगी की हर, अकेले हल नही होती।
हमारे साथ में तुम कब, बताओ गुन गुनाओगी ।
हृदय से मानकर अपना गले तारा लगाओगी।।

© डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

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