Skip to main content

learn by Nature, lines written by Dr. Rahul Shukla Sahil

अंधेरा  कहता  है  कि  रोशनी   का  इंतजार करो,

रोशनी कहती है कि अपने सपनों को साकार करो, 

सवेरा  कहता है  कि  उठो  कर्म  में  लग  जाओ, 
रात  कहती  है   कि  बस  सुकून  से  सो  जाओ|

जल  कहता  है  कि स्वभाव  में  निर्मलता  लाओ, 
धरा  कहती  है  कि साहस  और  धीर  अपनाओ|

आकाश  कहता  है  कि  विचारों  में  फैलाव  हो, 
हवा   कहती   है   कि   विचारों   में   बहाव  हो| 

नियत  समय   पर   जैसे;   सूरज  उग   जाता  है, 
जीवन  में संयम - नियम  सदा  हमें  सिखलाता है|

जगमग  तारें और  चांदनी  सबके मन को भाती हैं, 
शीतल  मधुर  हवाएं  भी;  मन  में  प्रीत  जगाती हैं|

फूलों  की  खुशबू  सुन्दरता; सबके मन को भाती है, 
दुख  कष्टों  में भी हर्षित  मन का सन्देश  सुनाती  है|

            ©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

Comments

Popular posts from this blog

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...