अंधेरा कहता है कि रोशनी का इंतजार करो,
रोशनी कहती है कि अपने सपनों को साकार करो,
सवेरा कहता है कि उठो कर्म में लग जाओ,
रात कहती है कि बस सुकून से सो जाओ|
जल कहता है कि स्वभाव में निर्मलता लाओ,
धरा कहती है कि साहस और धीर अपनाओ|
आकाश कहता है कि विचारों में फैलाव हो,
हवा कहती है कि विचारों में बहाव हो|
नियत समय पर जैसे; सूरज उग जाता है,
जीवन में संयम - नियम सदा हमें सिखलाता है|
जगमग तारें और चांदनी सबके मन को भाती हैं,
शीतल मधुर हवाएं भी; मन में प्रीत जगाती हैं|
फूलों की खुशबू सुन्दरता; सबके मन को भाती है,
दुख कष्टों में भी हर्षित मन का सन्देश सुनाती है|
©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल
- Get link
- Other Apps
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment