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क्या लिखूं

 अहसास के बारे में क्या लिखूँ, 

आभास के बारे में क्या लिखूँ, , 

जो सब - कुछ हो जिन्दगी में, 

उस खाश के बारे में क्या लिखूँ |


दिल  के   दोष   क्या  देखूँ, 

मन   के   रोष क्या   देखूँ, 

जब  आत्मा  ही   एक  हो, 

तो  तन  के कोश क्या देखूँ |


तेरा  साथ  ही  तो भाता है, 

जन्म  - जन्म  का   नाता है, 

प्यार में खुशियाँ है इसलिए, 

प्यार इबादत भी कहलाता है|


© डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

27/04/2023

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