Skip to main content

बाल कविता 'साहिल'

    बाल कविता

१)
राहुल पप्पू  लल्लू मल्लू,
भोलू बिट्टू और मकल्लू,
जल्दी खाओ जल्दी सोओ,
जल्दी उठकर करो पढ़ाई,
आपस में न करो लड़ाई,
प्रेम ज्ञान है  बड़ी कमाई|

२)
मात - पिता का कहना मानो,
अपनी कमियाँ खुद पहचानो|
अपनी प्रतिभा प्रखर बनाओ,
जीवन पथ को सफल बनाओ|

३)
तारों की है दमक दामिनी,
चंदा की है चमक चाँदनी,
रात बड़ी है काली - काली,
सो जा, सो जा मेरे लल्ला,
नींद कि रानी है मतवाली|

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

Comments

Popular posts from this blog

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...