सुनीता विलियम्स की गौरव गाथा
सपनों को जो सच कर जाए,
कठिन डगर भी कट जाए।
साहस, धैर्य, निरंतरता,
मंज़िल पर ले जाए॥
नव माह अंतरिक्ष में रहकर,
फिर धरती पर लौटी वीरांगना।
संघर्षों की कठिन राहों को,
साहस से जीती ये साधना॥
शून्य गुरुत्व पर पाती खाकर,
खुद को जिसने जीवित रखा।
श्रम, विज्ञान, लगन से फहराया,
अन्वेषण का तिरंगा प्यारा॥
भारत की इस बेटी पर,
हर भारतवासी को अभिमान।
संघर्षों से सीख मिली हमें,
हो आत्मबल तो हो आसमान॥
©डॉ. राहुल शुक्ल 'साहिल'
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