सावन का मास !


सावन का  मास  
मन  में मधुहास  
सबके प्रति मिठास  
मत हो तू उदास  
खुशी की आस ।
सावन  का मास  
फूलों का उपहास  
बैर का हास  
मत हो तू उदास  
प्रेम  का एहसास ।
सावन का मास  
आलस्य बने दास  
ताजगी है पास  
मत हो तू उदास  
मिलन है रास ।
सावन का मास  
कर ईर्ष्या का नाश  
जीवन  है खाश  
मत हो तू उदास  
प्रफुल्लित प्रकाश ।
सावन का मास  
चँहु ओर उल्लास  
कटते जीवन के त्रास  
मत हो तू उदास  
बुझती सबकी प्यास ।

- डॉ० राहुल शुक्ला  

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