कुसुमविचित्रा छन्द (यौवन)


    🎍 कुसुमविचित्रा छंद 🎍

विधान~
[नगण यगण नगण यगण]
(111  122  111 122 )
12 वर्ण, 4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत

हर पल  चाहूँ  प्रियवर छाया|
मधुरिम लागे उजियर काया||
हलचल  जैसे  सरगम  धारा|
हिय सुख पाऊँ लखकर तारा||

सुखद धनी यौवन सुख पाए|
सरस वही  मोहक मन भाए||
सुखद  लगे नैनन  मन भाषा|
समझ गया चाहत परिभाषा||

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

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