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प्रेम रंग होली है ।

रंग से रंग मिलाना, होली है ।
           मन से मन मिल जाना, होली है,
                 रहे न कोई  भेदभाव,
          रूठे दिलों को मिलाना, होली  है ।
        बिछड़ों को मिलाना होली  है ,
         प्रेम सद्भाव जगाना होली है ,
               मन में न बैर कोई,
    दिल से दिल का मिल जाना होली है।
   अन्तर्मन को जगाना होली है,
उल्लास  प्रसन्नता फैलाना होली है,
  नशा धूम्र से बचो और बचाओ,
  स्वच्छ समाज बनाना होली है ।
             रोगों से मुक्त काया,
       स्वस्थ  शरीर बनाना होली है ,
    किसने सजायी ये कुदरत निराली ,
  सब रंगो से सजी दुनिया अलबेली है।
बच्चों की अठखेली, यारों की हमजोली है।
    हरियाली पीले लाल रंगो की होली है ।
                मिट  जाए बैर भाव ,
                  प्रेम  रंग होली है ।
       श्वेत पीत पर , रंगों की फुहार,
     कृष्ण संग राधा , राधा संग प्यार,
निस्वार्थ भाव प्रेम ही, सचमुच की होली है।
               
                    फूलों की रोली,
                तितलियों की टोली,
                 भौरों की मधूलिका,
                    प्रेमरस होली है ।
   नीले आसमान  पर  बर्फो की खोली है,
              सूरज की लालिमा ,
               काठे की  तूलिका ,
     से सजी सारी कुदरत ही होली है ।
                   डाॅ राहुल शुक्ल
302/4 शिवकुटी, तेलियरगंज, इलाहाबाद,
ईमेल - rsrahulshukla9@gmail.com
संम्पर्क - 8858344659,9369172742

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