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"लेखक डॉ. राहुल शुक्ल 'साहिल' जी ने अपनी अति प्रिय हृदयवल्लभा धर्मपत्नी "श्रीमती कान्ति प्रभा शुक्ला" उर्फ 'चंचल' , 'तारा', 'महादेवी' , 'शीलू' या अंजलि के प्रेम से सराबोर एक गीत लिखा है।"

लेखक डॉ राहुल शुक्ल 'साहिल' जी ने अपनी अति प्रिय हृदयवल्लभा धर्मपत्नी "श्रीमती कान्ति प्रभा शुक्ला" उर्फ 'चंचल' ,  'तारा', 'महादेवी' , 'शीलू' या अंजलि  के प्रेम से सराबोर एक गीत लिखा है। 

   "हर बार तुम्हारा प्यार मिले"

दया भावना पुण्य फलें,
हर बार तुम्हारा प्यार मिले।
शीलू हो तुम  स्नेह हो,
भावना का अद्भुत नेह हो।

कान्ति प्रभा हो चंचल तुम,
शुभता  सुन्दर  मंगल तुम।
प्रेम  प्रणय की तुम धारा, 
चमक  तुम्हारी सम तारा।

तन‌ मन को महकाती हो,
सोया  भाग्य  जगाती हो।
सपने  नये  सजाती  हो, 
देवी हो तुम महादेवी हो।

कर्म  - धर्म  की  देवी हो,
तुम भी तो समाज सेवी हो।
हिय  में  सुंदर  प्रीत भरो, 
जीवन  में   संगीत  भरो।

मद्धम सुखद विचार मिले,
शृंगारिक शुभ फूल खिले।
दया  भावना  पुण्य  फलें,
हर बार तुम्हारा प्यार मिले।

© डॉ• राहुल शुक्ल 'साहिल'

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