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Showing posts from January, 2025

तीर्थराज की जय/ महाकुंभ की जय

तीर्थराज की जय  महाकुंभ की जय प्रयागराज की जय मां गंगा की जय । आस्था का संगम प्रेम  की  त्रिवेणी  उच्चता की श्रेणी  शुद्ध जहां विचार। मन  का  मनुहार  स्नेह और सत्कार  मोक्षदायिनी मां गंगा समय की काल गंगा। ज्ञानदायिनी हंसवाहिनी  पापनाशिनी  देवी  सबका करें उद्धार महाकुंभ  का पर्व। शुभता अरु गन्धर्व तीर्थ राज की जय  महाकुंभ की जय प्रयागराज की जय। मां  गंगा की जय ।। ©️ डॉ. राहुल शुक्ल 'साहिल'

"लेखक डॉ. राहुल शुक्ल 'साहिल' जी ने अपनी अति प्रिय हृदयवल्लभा धर्मपत्नी "श्रीमती कान्ति प्रभा शुक्ला" उर्फ 'चंचल' , 'तारा', 'महादेवी' , 'शीलू' या अंजलि के प्रेम से सराबोर एक गीत लिखा है।"

लेखक डॉ राहुल शुक्ल 'साहिल' जी ने अपनी अति प्रिय हृदयवल्लभा धर्मपत्नी "श्रीमती कान्ति प्रभा शुक्ला" उर्फ 'चंचल' ,  'तारा', 'महादेवी' , 'शीलू' या अंजलि  के प्रेम से सराबोर एक गीत लिखा है।      "हर बार तुम्हारा प्यार मिले" दया भावना पुण्य फलें, हर बार तुम्हारा प्यार मिले। शीलू हो तुम  स्नेह हो, भावना का अद्भुत नेह हो। कान्ति प्रभा हो चंचल तुम, शुभता  सुन्दर  मंगल तुम। प्रेम  प्रणय की तुम धारा,  चमक  तुम्हारी सम तारा। तन‌ मन को महकाती हो, सोया  भाग्य  जगाती हो। सपने  नये  सजाती  हो,  देवी हो तुम महादेवी हो। कर्म  - धर्म  की  देवी हो, तुम भी तो समाज सेवी हो। हिय  में  सुंदर  प्रीत भरो,  जीवन  में   संगीत  भरो। मद्धम सुखद विचार मिले, शृंगारिक शुभ फूल खिले। दया  भावना  पुण्य  फलें, हर बार तुम्हारा प्यार मिले। © डॉ• राहुल शुक्ल 'साहिल'