तीर्थराज की जय महाकुंभ की जय प्रयागराज की जय मां गंगा की जय । आस्था का संगम प्रेम की त्रिवेणी उच्चता की श्रेणी शुद्ध जहां विचार। मन का मनुहार स्नेह और सत्कार मोक्षदायिनी मां गंगा समय की काल गंगा। ज्ञानदायिनी हंसवाहिनी पापनाशिनी देवी सबका करें उद्धार महाकुंभ का पर्व। शुभता अरु गन्धर्व तीर्थ राज की जय महाकुंभ की जय प्रयागराज की जय। मां गंगा की जय ।। ©️ डॉ. राहुल शुक्ल 'साहिल'
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ