30 नवम्बर 2023 को विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत के पंचम वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह के अवसर पर सृजित अभिनंदन गीत, उपस्थित प्रतिभागी साहित्यकारों को स्मृति चिन्ह के रूप में समर्पित किया गया |
श्री गणपति का शत वंदन,
करूँ आज मैं अभिनंदन !!
अभिनंदन..... अभिनंदन....
अभिनंदन... अभिनंदन.. !!
हंस वाहिनी का वंदन...
करूँ आज मैं अभिनंदन !
शरद ऋतु का अभिनन्दन,
सरस छन्द का अभिनन्दन!
सदा मधुर मुस्कान लिए,
गुणिजन का हो अभिनन्दन !
नमन भारती वीरों का,
करूँ आज मैं अभिनंदन !
कलम चलाने वालों का,
कोटि-कोटि है अभिनंदन !
शब्द आपके कहते हैं,
भू -जल - नभ का अभिनन्दन !
कर्म भूमि से आस लिए,
करूँ मनुज का अभिनन्दन !
सकल मनोरथ का प्रयास,
जीवन का है अभिनन्दन।
अनल वायु सम शब्दों से,
बन जाता है अटल सृजन !
पीयूष कलश के रस से
आज मिल रहा सोम पदक !
ओम भुवन रवि चन्द्र शिखर,
नत मस्तक कविराज कहूँ !
शब्द सृजन की तटिनी से,
अभिनंदन शत बार कहूँ !
सुर लय के अभिसिंचन से,
कोटि नमन शत बार करूँ !
ऋतु हेमन्त कवि मन प्रीत,
हमदम बन कर साथ कहूँ|!
कविजन का स्वागत वंदन,
अभिनंदन शत बार करूँ !
जनचेतन सम्मान करूँ,
निशिदिन आठो याम करूँ !
काव्य पुष्प उत्कृष्ट सृजन,
सदा नवल गुणगान करे!
उत्कंठित हो साहिल कैसे!
सिंधु नमन शत बार करे !
विश्व चेतना गुणिजन का,
अभिनंदन शत बार करे |
निवेदक ------ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत
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