" प्रकृति संरक्षण" दिन के बाद रात आती है और रात का अंधेरा दिन के स्वर्णिम उजाले की उम्मीद लाता है | धरती का धीरज अम्बर के विस्तार का मुकाबला करता है | सर्वशक्तिमान ...
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ