🎍विमोहा छंद🎍
शिल्प:- [रगण रगण(212 212),
दो-दो चरण तुकांत, 6 वर्ण]
मोर की मोरनी|
चाँद की चाँदनी||
राग की रागिनी|
मेल है कामिनी||
मस्त तू बोलना|
बात को तोलना||
भाव हो नेह हो|
प्रेम हो स्नेह हो||
मान हो गान हो|
प्रीत हो भान हो||
बोध हो गोद हो|
मीत हो मोद हो||
रात का द्वंद हो|
प्रेम का छंद हो||
रीत हो गीत हो|
शब्द की जीत हो||
रंग हो संग हो|
रास हो ढ़ंग हो||
रूप की धार हो|
मोहिनी नार हो||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
🎍विमोहा छंद🎍
शिल्प:- [रगण रगण(212 212),
दो-दो चरण तुकांत, 6 वर्ण]
प्रेम की कामना|
स्नेह की साधना||
मोहनी तारिका|
सोहनी सारिका||
रूप है राधिका|
प्रीत की साधिका||
संग है संगिनी|
ताल है रागिनी||
© साहिल
शिल्प:- [रगण रगण(212 212),
दो-दो चरण तुकांत, 6 वर्ण]
मोर की मोरनी|
चाँद की चाँदनी||
राग की रागिनी|
मेल है कामिनी||
मस्त तू बोलना|
बात को तोलना||
भाव हो नेह हो|
प्रेम हो स्नेह हो||
मान हो गान हो|
प्रीत हो भान हो||
बोध हो गोद हो|
मीत हो मोद हो||
रात का द्वंद हो|
प्रेम का छंद हो||
रीत हो गीत हो|
शब्द की जीत हो||
रंग हो संग हो|
रास हो ढ़ंग हो||
रूप की धार हो|
मोहिनी नार हो||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
🎍विमोहा छंद🎍
शिल्प:- [रगण रगण(212 212),
दो-दो चरण तुकांत, 6 वर्ण]
प्रेम की कामना|
स्नेह की साधना||
मोहनी तारिका|
सोहनी सारिका||
रूप है राधिका|
प्रीत की साधिका||
संग है संगिनी|
ताल है रागिनी||
© साहिल
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