🌺 चौपई/जयकारी/जयकरी छंद 🌺 विधान~ चार चरण,प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ, अंत में गुरु लघु।दो-दो चरण समतुकांत। जय हो श्री राघव सरकार। त्रिभुवन महिमा अपरम्पार।। मर्यादा पुरुषोत्तम आप। करते समन सकल संताप।। पुनि पुनि नावहुँ चरणन शीश। करिये कृपा कौसलाधीश।। "सोम"झुकाये निश दिन माथ। मोरे हृदय बसहुँ रघुनाथ।। ~शैलेन्द्र खरे"सोम" 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 🎋चौपई/जयकारी/जयकरी छंद🎋 विधान~ चार चरण,प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ, अंत में गुरु लघु, दो-दो चरण समतुकांत जय जय हो सबकी जयकार| जयकरी छन्द करे पुकार|| राम नाम का हो मनुहार| सकल कर्म है जीवन सार|| शाला में नित सुंदर छंद| भाव जगाते प्रभु के वंद|| मधुर-मधुर सी मधु मकरन्द| शब्द बोलते जय बृज नंद|| राधारानी की जयकार| जन जन में होवे सहकार|| कृष्ण कृपा से हो जग पार| भजन मुक्ति का है आधार|| प्रेम दया है मनु का धर्म| तन मन से हो सेवा कर्म|| कोमल पावन हिय हो नर्म| सरल सरस हो जीवन मर्म|| © डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ