[9/29, 10:11 AM] नवीन तिवारी कन्या कन्या खोजे ढूढ रहा , कन्या मिली ना कोय| एक दिन चरण पूज रहा , भ्रूण हत्या कर सोय| बेटी होय मौन रहा, बेटा का गुण गाय| कलंक समझे रो रहा, माता का लिए हाय|| नवीन कुमार तिवारी , अथर्व , [9/29, 10:21 AM] 72510 69105: सासु माँ की चाहतें पहला पोता होये । लेकिन उस माँ को पूछ लो । जो खुद एक बेटी होये ।। पहला रतन हैं बेटियां । दूजा बेटा होये ।। सौगुन पुण्य किये होंगे । जब एक बेटी होये ।। माता की पूजा करे । आशीष मांगे सोये । लांगुर हमको दिजिये । बेटी बोझा होये ।। जग जननी जगदात्री । ऐसा करे न सोये । सबको बिटिया दीजिये । सबका कल्याण सो होये ।। भावना भक्तिराज बृजवासी बिषय. कन्या काव्य रचना 👩🏼👩🏼👩🏼👩🏼👩🏼👩🏼 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 नन्ही सी जब जान विचारी अपनी माँ की कोख में आती .............. .................. हाथ मारती पांव चलाती करतब अन्दर खूब दिखाती ................................. मैं सुन्दर दुनिया देखूंगी मन ही मन में वो मुस्काती ........................... ...... है अपराध मगर क्यों फिर भी लिंग की जाँच कराई ज
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ