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Showing posts from June, 2017

मौन

          मौन    मौन तो बस शून्य है, शान्ति का नवहार है, द्वन्द्व में प्रति द्वन्द्व में, मौन एक हथियार है। मौन में  न बात हो, वचन की हो साधना, प्रेम में संघर्ष में हो, भाव की अराधना। मौन से साधो करम, धर्म की हो भावना, भक्ति पथ विस्तार हो, सेवा की संभावना।    डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

उमंग/ उत्साह/जोश

                🌹  उमंग 🌹 मुश्किलों की राह को आसां बनाती है उमंग, दो दिलों में प्रेम का दीपक जलाती है उमंग, छोड़ दो अब निराशा जीने का आनन्द लो, सुख का सदा अहसास भी दिलाती है उमंग। हर दिलों में प्यार का अहसास लाती है उमंग, मन की हलचलों को उड़ान  देती  है उमंग, रोकता है जमाना प्रेम  के जज्बात  को, प्रेम के ही भाव से जीवन सजाती है उमंग। गिरते हुए इन्सान को फिर से उठाती है उमंग, हर अंधेरी रात को  सुबह बनाती है उमंग, निष्ठा लगन उत्साह से होगें सदा हम सफल, सफलता की हर घड़ी सीढ़ी चढ़ाती है उमंग।   ✍ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

"रायपुर की यादें"

1) यादों की ऐसी सौगात मिल गयी, आपसे स्नेह की बरसात मिल गयी।     2) यादों के जिन दौर में अकेले थे हम,  मिले तुम तो जीने का सहारा मिला, कभी रुकता समय कभी चलता सफर, दौर लिखता गया एक गुजारा मिला।   3) फासले भी कम होगें, दूरियां भी कम होगीं, मोहब्बत में शिद्दत से, मजबूरियाँ भी कम होगी।       साहिल 💕💖 4) हर रोज हम तेरी बात में बहक जाते हैं। तेरे आने की आहट से ही महक जाते हैं।। 💕 5) जब कदम  उठते है तेरी ओर जाने के लिए, ना जाने क्यूँ लोग मोहब्बत से  जल जाते हैं।                         🌺 साहिल 🙏🏻

सवेरा

      🌷 सवेरा 🌷 रोज सवेरा आता है, नव आशायें लाता है। सूरज की नव किरणों से, मन रोशन हो जाता है। गंगा की पावन धारा, तन को  मधुर बनाती है। नूतन प्रकाश की आभा, दिल में लहर उठाती है। फूलों पर भौरा गुंजन, सुर संचार कराता है। गीत सृजन का गाने से, वन उपवन बन जाता है।  पंछी के कोलाहल से, दिल झंकृत हो जाता है। उम्मीदों का एक दीपक, रोज प्रभात जलाता है । रोज सवेरा आता है, नव आशायें लाता है। मीत मिलन के रागों से, जीवन सुर बन जाता है।    ✍  डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल          🌺🌹  अहसास🌹🌺 प्यार दो दिल के अहसास, का गीत है, प्यार चाहत का सच्चा, मनमीत है, जिसको चहो वही, मिल जाये अगर, प्यार का अहसास ही, मधुर संगीत है। उनके अहसास से दिल, हुआ है मुदा, उनको होने न दूँगा, मैं खुद से जुदा, ईश्क की बस तमन्ना है, एहसास है, प्यार की आस से मन, हुआ है खुदा। प्यार में मिलन भी, एक अहसास है, प्यार में जतन भी, एक अहसास है, इस खुद़ा की नियाम़त, पे चलते रहे, खूबसूरत चमन भी, एक अहसास है। टूटे दिल को मिलाना भी, अहसास है, तन मन को मिलाना भी, अहसास है, रुक सी जाती है, याद में ज़िन्दगी

साधना

🙏🏻 साधना  🙏🏻 मन को साध लेना ही है साधना, वाणी पर संयम ही है साधना, आत्मा ही जीवन की अवधारणा, कर्म का कौशल ही है साधना।        दुख से  उबरना  ही  है  साधना, सोकर फिर जगना ही है साधना, आशा है  जीवन  की  धारणा, गिरकर सँभलना ही  है साधना। प्रेम सबसे करना  ही  है साधना, क्रोध  पर  विजय भी है साधना, ईमान और सत्य से है जीवन सफल, सत्य पथ पर चलना ही है साधना। ✍ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल    🌺  जय जय 🙏🏻

जनचेतना समूह के शानदार आनलाइन काव्य सम्मेलन में मेरे द्वारा सम्मान स्वरुप भेंट पंक्तियाँ

आ☆ प्रभांशु कुमार जी के स्वागत में समर्पित कुछ पंक्तियाँ, स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् सुस्वागतम् आगतम् अनवरत आगतम् सुस्वागतम् स्वागतम् संगम सृजन सुन्दरम् साहित्य सृजन सुमधुरम् शरणागतम् शिवम् शुभम् सुखमय सुखम् सर्वम् सुखम् साहित्य सम्मान सम सर्वत्र संगम सुविख्यातम् सृष्टिसृजनकर्ताः समक्ष सृजनकार सम्मान प्राप्तम् साहित्य संगम सृजन सृष्टि संग सर्वत्रम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् सुस्वागतम् साहित्य संगम समर्पणम् साहित्यकार समर्पितम्। डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल आ• राजेश मिश्रा राज जी को समर्पित कुछ पंक्तियाँ 🌺🌺🌺👇🌺🌺🌺 देश का कर रहे है हम सदा गुणगान हैं, आदमी की आदमी से हो रही पहचान है, किसानों से ही देश का सम्मान है, सीमा पर लड़ रहे,  देश के जवान है।                साहिल          आ☆ बिजेन्द्र सिंह सरल जी के स्वागत में कुछ शब्दोपहार 🙏🏻👇👇🙏🏻 ♧वर्ष छंद♧ (222    221  121) गाऊँ मैं तेरा प्रभु नाम। जाऊँ मैं तेरे शुभ धाम।। नैया मेरी खेवत श्याम। सेवा का हो सुंदर काम।। ✍ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल आ☆ जितेन्द्र चौहान जी के स्वागत में कुछ शब्दो

उद्बोधन काव्य सम्मेलन 12 जून 2017 को भगत जी का

🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺 🙏🏻   हृदयोपहारानुभूति 🙏🏻    स्नेहिल शब्द-सारथियों,            यह माँ  वरदा वीणापाणि  की विशेषातिविशेष कृपा ही है, कि साहित्य-जगत में अकथनीय विषमताओं के बाद भी आज आप-हम एक मंच पर एकत्र आये हैं | इहेतुक   जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति  नामक यह पटल और इस वरदा-कल्पवृक्षेव तथागति  के सुधि मूल त: पत्र-पुष्प, फलादि पर्यन्त सर्वथा  महाकुशासुत गुणिजन साधुवाद के पात्र हैं |            मित्रों, आज यह पटल  आभासी दुनियां में सद्यस्प्रसूत कहा जा सकता है, परन्तु यथार्थ के धरातल पर यह  उत्तरप्रदेश की पावन-भूमि पर पीलीभीत जनपदान्तर्गत "बीसलपुर नामाख्य साहित्य-कुँज  में २१ जून १०१६ को पंजि० क्र० २२६ में" पंजिकृत होकर  साहित्योन्नयन में सर्वस्व-समर्पित और पुष्पित-पल्लवित हुआ है | यह हमारा सौभाग्य ही है, कि हम इस *कविता-कौमुदी कल्पलता की काव्यच्छाया में मूर्तिमन्त हैं |           साथियों, विगत कुछ समय से  हिन्दी के साहित्यिक नवसर्जन में तकनीकी उपकरणों से कलमकारों की लेखनी में अल्पकाल में ही आशातीत निखार आया है | आज मल्टीमीडिया के माध्यम से हमें तत्काल

रक्तदान - महादान

󝰽򒰼󾰍♂💪💪🙋🏻‍♂ रक्तदान - महादान/विश्व रक्त दान दिवस रक्तदान को महादान कहा गया क्योंकि हमारी शरीर की बनावट में 7% से 8% का योगदान केवल रक्त का है उसमें भी आधा लाल रक्त कोशिका होती है। हमारा शरीर 80% जल से बना होता है, 12% प्रोटीन से बना होता है, 7 -8 % खनिज व लघु पोषक तत्व, रक्त या खून की मात्रा शरीर में 8% होती है यानि केवल 4- 5 लीटर खून मनुष्य में होता है। महिलाओं में  3•5 से 4•5 लीटर, उसमें भी मात्र रक्त दान केवल  350 मिली ग्राम का किया जाता है जिससे हम रक्त की जरुरत वाले 3 व्यक्तियों की जान बचा सकते हैं। रक्त का कोई विकल्प नही है और  वह कृत्रिम तरीके से भी  नही बनाया जाता।  किसी अस्पताल में भी उपलब्धता लोगो के दिये गये रक्त के आधार पर ही हैं, इसीलिए रक्तदान महा दान है सांई, समझो इस रहस्य को भाई। कौन कौन रक्त दान कर सकता है,🌷💐👇 💐18 से 65 वर्ष के सभी स्वस्थ व्यक्ति जिन्होनें पूर्व 3 माह तक रक्त नही दिया हैं वो दे सकते हैं। 💐जो शारिरिक रुप से किसी रोग से ग्रस्त नही हैं । 💐रक्त में मौजूद लाल रक्त कण का जीवन काल 120 दिन होता है वह शरीर में दुबारा अस्थि मज्जा

12 जून काव्य सम्मेलन की यादें (साहिल)

  जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति पंजीकरण संख्या  226     स्नेही साहित्यप्रेमी एवं कलमवर,   प्रथम आनलाइन  काव्य सम्मेलन १२ जून २०१७ दिन सोमवार को जनचेतना मंच पर आयोजित काव्य सम्मेलन आयोजन को अद्भुत और भव्य बनाने के लिए जनचेतना परिवार के प्रमुख सदस्य अपने अपने कार्यो में लगे थे परन्तु गति बहुत धीमी थी, चिन्ता बहुत थी, कार्यक्रम प्रारुप मैने किसी तरह बना दिया, पहली बार बनाया था, आंशिक संशोधनोपरान्त कार्यक्रम बन तीन  दिन पहले ही बन गया। उसके बाद भी काफी लोगों के ऑडियो परिचय आये सबको शामिल करने की भाई सरस जी की सोच थी तो करना तो था ही सबको शामिल 4:00 बजे से कार्यक्रम का संचालन शुरु हुआ। मैं अपनी होम्योपैथिक क्लीनिक पर ही बैठा था, घर जाने का समय 7:00 बजे तक था। संचालन शुरु हुआ शानदार संचालन की शुरूआत प्रिय भाई दिलीप कुमार पाठक सरस जी ने की। मेरे पास में बीच बीच में मरीज भी आ रहे थे। काव्य सम्मेलन के सारे ऑडियो परिचय और फोटो एक जगह मैने एकत्र कर दिये थे। 4:10 से मैने भी सरस भाई के शानदार संचालन में मदद शुरु हुई। कब समय निकलता रहा एक के बाद एक शानदार प्रस्तुतियाँ आती रही। हौसलाअफ

12 जून 2017 भव्य काव्य सम्मेलन की यादगार दिलीप कुमार पाठक सरस जी द्वारा

जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति, पंजी0 सं0-226 द्वारा आयोजित प्रथम ऑनलाइन भव्य काव्य सम्मेलन(12 जून 2017) की यादें   माँ शारदे के साधक-पुत्रों/पुत्रियों के सर्जन की झंकार पटल पर गुंजित हो ऐसा मन में भाव आया, पर कैसे हो ? इस प्रश्न ने कुछ करने को प्रेरित किया| सबसे पहले मैं  भगत सहिष्णु दादा श्री से मिला और मन की बात उनसे की, सुनकर बहुत प्रसन्न हुए, गदगद होते हुए मुझे पूरी रूपरेखा समझायी हालाँकि 19 जून 2017 तक बहुत व्यस्त हैं फिर भी पूरी निष्ठा लगन से मार्गदर्शक बने| फिर क्या था योजनानुसार कार्य प्रारम्भ हुआ| मैने सर्वप्रथम यह बात आ0डॉ0 राहुल शुक्ल साहिल दादा श्री को सारी योजना बतायी,वह भी लग गये पूरी कार्य ऊर्जा के साथ, वह न तो स्वयं चैन से बैठे और न मुझे चैन से बैठने दिया|रोज फोन पर बात करते, जितना कार्य होता पूरा कर देते, आगे की कार्ययोजना की जानकारी लेते, कार्यक्रम की सफलता का श्रेय आपको ही जाता है| प्रिय अनुज विकास भारद्वाज सुदीप जी आगे बढ़कर आये, नाम, पता, फोटो, ऑडियो प्रतिभागियों के लेने हेतु सूची तैयार कर पटल पर पहुँचाया, ऑडियो संकलन का कार्य प्रारम्भ हुआ | देखते