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Showing posts from August, 2016

कृष्ण जन्माष्टमी

25/08/2016 रचनाकार - डाॅ• राहुल शुक्ल विषय - श्री कृष्ण जन्माष्टमी 💐💐💐💐💐💐💐 🍨🍨🍨🍨🍨🍨 माखन मिश्री मधुर मिठाई,  मोहन मथुरा की मिताई, राधे राधे मन में जप लों, कृष्ण प्रेम की खाओ मलाई। रूप रंग मन मोहित,  राधे संग जन दर्शित, स्नेह प्यार के आकुल, जीवन कृष्ण समर्पित। दुःख विषाद मिटाते, जन मन को अकुलाते,  हर पल आनन्द रूप है, श्री कृष्ण जन्म हर्षाते। प्रेम पंथ प्रदर्शित, निस्वार्थ समर्पित, सब विघ्नों के हर्ता,  राधे कृष्ण हो दर्शित। रास रचैया मुनि मन क्रेता, गौ गोपी  ग्वाल प्रणेता, मुरली मनोहर राधे कृष्ण,  दुःख शोक  विक्रेता। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 बोलो श्री बिहारी लाल, राधे कृष्ण की जय हो। आप सब को कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें।  🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।           साहिल

सरस्वती वन्दना

ॐ ☆ वन्दना  ☆ ॐ माँ सरस्वती की वन्दना  ह म करते हैं ज्ञान दें विचार दें जीवन को तार दें , वीणावादिनी माँ की वन्दना हम करते हैं। शुभ्र ज्योति का  पुंज दें मन का धवल कुञ्ज दें, सत्य परम ज्ञान दें,  वेदपाठिनी माँ की वन्दना हम करते हैं। माँ सरस्वती  ध्यान दें चिन्तन विचार ज्ञा न  दें काया कमल का दान दें ज्ञानदायिनी माँ की वन्दना हम करते हैं           साहिल

सावन का मास !

सावन का   मास   मन  में मधुहास   सबके प्रति मिठास   मत हो तू उदास   खुशी की आस । सावन   का मास   फूलों का उपहास   बैर का हास   मत हो तू उदास   प्रेम  का एहसास । सावन का मास   आलस्य बने दास   ताजगी है पास   मत हो तू उदास   मिलन है रास । सावन का मास   कर ईर्ष्या का नाश   जीवन  है खाश   मत हो तू उदास   प्रफुल्लित प्रकाश । सावन का मास   चँहु ओर उल्लास   कटते जीवन के त्रास   मत हो तू उदास   बुझती सबकी प्यास । - डॉ० राहुल शुक्ला  

भारतवाद/राष्ट्र वाद/ देशवाद !

         卐○ भा रत  गान   ○卐 मंगलदायक   देश है भार त  उज्जवल है  तिरंगा हरियाली चारों तरफ है  मौसम है सतरंगा  उत्तर हिमालय यमुना गंगा योग से होते चंगा सुन्दर वन के भारत देश की बोलो जय जय जय जयकार हो। सीमा पर भारत का झण्डा सेना करती परम सुरक्षा  विश्व गुरू है देश हमारा समृद्ध हमारा नारा ऐसे भारत देश की बोलो जय जय जय जयकार हो। जननी और मातृभूमि की भारत माँ के सपूतों की आजादी के शहीदों की आजाद भगत और राजगुरु की  गाँधी सुभाष और तिलक की जय जय जय जयकार हो। भारत माँ के लाल की बोलो  वेद और पुराण की बोलो साहित्य के भण्डार की बोलो गीत और संगीत की बोलो देश के सम्मान की बोलो  जय जय जय जयकार हो। उम्मीदों की डगर चूमकर सफलता के परचम छू लों  कौशलता और होनहार की तकनीक और वीरवान की राणा प्रताप अशोक महान की जय जय जय जयकार हो मंगलदायक देश है भारत उज्ज्वल है तिरंगा ऐसे भारत देश की बोलो जय जय जय जयकार हो।             साहिल